Training of the Day - 04.09.2017
दिनांक - 04.09.2017
दिन - सोमवार
स्थान - डायट शेखपुरा
सप्ताह के पहले दिन सोमवार को चेतना सत्र के आयोजन के बाद प्रशिक्षण को आरम्भ किया गया | सदन में व्याख्यता के रूप में बालदेव सर का आगमन होता है और उनके द्वारा शिक्षा के परिपेक्ष्य के चौथे यूनिट का प्रशिक्षण देते हुए शिक्षा और समाज के बीच के सम्बन्ध में बारे में चर्चा की जाती है | जिसमे महात्मा गाँधी के हिंद स्वराज के बारे में चर्चा करते हुए निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की जाती है -
* संभ्यता अंग्रेजी शासन, स्वराज
* आधुनिक सभ्यता
* सत्य और अहिंसा
* सामाजिक सभ्यता व निदान
* अक्षर ज्ञान - नई तालीम - सच्ची शिक्षा
* धार्मिक शिक्षा
जिसमे यह स्पष्ट हुआ कि महात्मा गाँधी में शिक्षा को स्वराज के साथ जोड़ा और नई तालीम, रितिमय शिक्षा और सच्ची शिक्षा तीनो शब्द के अर्थ एक ही है | इसी क्रम में एक प्रश्न हमारे सामने आता है कि आखिर सभ्यता क्या है ? जिस पर महात्मा गाँधी के द्वारा कहे गए ' सभ्यता वह आचरण है, जिसमे आदमी अपना फर्ज अदा करता है | बाह्य की खोज में लगा रहता है | इन सबो की चर्चा के दौरान थॉमस एडीसन के उदहारण देते हुए उनकी माँ द्वारा उन्हें दिए गए प्रेरणा के बारे में हम सभी प्रशिक्षुओं को बताया जाता है | इसके बाद आधुनिक युग में मशीनीकरण के प्रयोग से होने वाले हानि के बारे में हमें बताया जाता है | हमें बताया जाता है कि मशीनों के अधिक प्रयोग से जहाँ श्रम शक्ति में कमी आयी है, वहीं समाजीकरण का भी ह्रास हुआ है | इसके साथ प्रथम सत्र का प्रशिक्षण सत्र समाप्त हो जाता है |
मध्याहन के बाद द्वितीय सत्र का प्रशिक्षण आरम्भ होता है | इस सत्र में शिक्षक दिवस की तैयारियां बड़े जोर-शोर से की जाती है | इसी के साथ आज का प्रशिक्षण समाप्त हो जाता है |
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दिन - सोमवार
स्थान - डायट शेखपुरा
सप्ताह के पहले दिन सोमवार को चेतना सत्र के आयोजन के बाद प्रशिक्षण को आरम्भ किया गया | सदन में व्याख्यता के रूप में बालदेव सर का आगमन होता है और उनके द्वारा शिक्षा के परिपेक्ष्य के चौथे यूनिट का प्रशिक्षण देते हुए शिक्षा और समाज के बीच के सम्बन्ध में बारे में चर्चा की जाती है | जिसमे महात्मा गाँधी के हिंद स्वराज के बारे में चर्चा करते हुए निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की जाती है -
* संभ्यता अंग्रेजी शासन, स्वराज
* आधुनिक सभ्यता
* सत्य और अहिंसा
* सामाजिक सभ्यता व निदान
* अक्षर ज्ञान - नई तालीम - सच्ची शिक्षा
* धार्मिक शिक्षा
जिसमे यह स्पष्ट हुआ कि महात्मा गाँधी में शिक्षा को स्वराज के साथ जोड़ा और नई तालीम, रितिमय शिक्षा और सच्ची शिक्षा तीनो शब्द के अर्थ एक ही है | इसी क्रम में एक प्रश्न हमारे सामने आता है कि आखिर सभ्यता क्या है ? जिस पर महात्मा गाँधी के द्वारा कहे गए ' सभ्यता वह आचरण है, जिसमे आदमी अपना फर्ज अदा करता है | बाह्य की खोज में लगा रहता है | इन सबो की चर्चा के दौरान थॉमस एडीसन के उदहारण देते हुए उनकी माँ द्वारा उन्हें दिए गए प्रेरणा के बारे में हम सभी प्रशिक्षुओं को बताया जाता है | इसके बाद आधुनिक युग में मशीनीकरण के प्रयोग से होने वाले हानि के बारे में हमें बताया जाता है | हमें बताया जाता है कि मशीनों के अधिक प्रयोग से जहाँ श्रम शक्ति में कमी आयी है, वहीं समाजीकरण का भी ह्रास हुआ है | इसके साथ प्रथम सत्र का प्रशिक्षण सत्र समाप्त हो जाता है |
मध्याहन के बाद द्वितीय सत्र का प्रशिक्षण आरम्भ होता है | इस सत्र में शिक्षक दिवस की तैयारियां बड़े जोर-शोर से की जाती है | इसी के साथ आज का प्रशिक्षण समाप्त हो जाता है |
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