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Training of the Day - 25.08.2017


दिनांक - 25.08.2017
दिन - शुक्रवार
स्थान -डायट परिसर शेखपुरा
 

प्रतिदिन की तरह चेतना सत्र के बाद प्रशिक्षण को आरम्भ किया गया | व्याख्याता के रूप में सदन में संजीव सर का आगमन होता है और उनके द्वारा विद्यालय समुदाय सहभागिता को लेकर चर्चा की जाती है | जिसमे ये स्पष्ट होता है कि -
* देशज शिक्षा के अंतर्गत चलने वाली पाठशाला मकतबों आदि में समुदाय का विशेष योगदान होता था | आवश्यकतानुसार समुदाय का मंदिर, मस्जिद अथवा किसी निवासी का घर स्वतः ही पठन-पाठन के केंद्र में तब्दील हो जाता था |
* ब्रिटिश काल में विद्यालय व समुदाय के बीच के ऐसे प्रगाढ़ सम्बन्ध का ह्रास होता गया |
* स्वतंत्रतता पश्चात भी विद्यालय में सामुदायिक भागीदारी लगातार कम होती गयी और धीरे-धीरे समुदाय का स्थान सरकारी अथवा निजी तंत्र ने ले लिया |
* आज के विद्यालय समुदाय सहभागिता का स्वरुप अलग है | आज के परिदृश्य में ऊपर राज्य का वर्चस्व स्थापित है तथा विद्यालय में समुदाय किस प्रकार सहभागिता करे | इसे भी राज्य निर्धारित करता है | इसी क्रम में राज्य के द्वारा बनायी गयी नीतियों से विद्यालय समुदाय संबंधों में परिवर्तन हुए हैं |
* वर्तमान समय में विद्यालय समुदाय सम्बन्ध को एक अलग नजरिये से भी देखा जा सकता है | जिसके अंतर्गत विद्यालय और समुदाय को एक-दूसरे के विरोध में देखा जा सकता है | यहाँ पर विद्यालय और समुदाय भागीदारी के स्थान पर एक-दूसरे की कटु आलोचना में ज्यादा भिडे होते हैं | शिक्षा की बदहाली और स्कूल शिक्षण के अप्रभावी व गिरते स्तर के लिए जहाँ समुदाय विद्यालय को दोषी ठहरता है, वहीँ विद्यालय के अंदर किसी भी गतिविधि में समुदाय की रूचि को विद्यालय सहभागिता न मानकर हस्तक्षेप मानता है |

इसके साथ प्रथम सत्र का प्रशिक्षण समाप्त हो जाता है | मध्याहन के बाद द्वितीय सत्र का प्रशिक्षण आरम्भ होता है | द्वितीय सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है और सदन का माहौल संगीतमय बन जाता है | इसके साथ ही द्वितीय सत्र का प्रशिक्षण समाप्त हो जाता है |

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