Training of the Day - 22.08.2017
दिनांक - 22.08.2017
दिन - मंगलवार
स्थान - डायट परिसर शेखपुरा
सप्ताह के दूसरे दिन अन्य दिनों की तरह चेतना सत्र का आयोजन किया गया | चेतना सत्र के बाद प्रशिक्षण का प्रथम सत्र की शुरुआत हुई | व्याख्याता के रूप में सुनील सर का सदन में आगमन होता है | उनके द्वारा SEP (SCHOOL EXPERIENCE PROGRAMME) की विस्तृत जानकारी दी जाती है | जिसमे हमें बताया जाता है कि यह कुल 20 दिनों (4 सप्ताह) का होगा और प्राथमिक विद्यालय में पांच और मध्य विद्यालय में आठ प्रशिक्षुओं को इसके लिए भेजा जायेगा | SEP में अंकों का विवरण इस प्रकार है -
1.विद्यार्थी प्रोफाइल बनाना - 20 अंक
2.बच्चों के सीखने का आकलन एवं मूल्यांकन - 20 अंक
3.शिक्षक की कक्षा का अवलोकन, समीक्षा, मूल्यांकन - 20 अंक
4.विद्यालय शिक्षा समिति से सम्बंधित रिपोर्ट - 20 अंक
5.डायरी लेखन - 20 अंक
6.क्रियात्मक शोध - 30 अंक
7.विद्यालय आधारित गतिविधि (खेल, प्राथना, सांस्कृतिक कार्यक्रम) -25 अंक
8.विद्यालय उन्नयन योजना - 25 अंक
9. सीखने की योजना बनाना - 20 अंक
बारी बारो से इन सभी पर विस्तार से चर्चा की गयी | इसी क्रम में 7 बच्चे की कहानी भी हमें बतायी गयी | जिसमे गलत तरीके से 13 के योग, गुना एवं भाग को 28 लाया जा रहा था | इसके बाद शब्दों के उच्चारण पर भी चर्चा की गयी | जैसे - आम, औरत इत्यादि |
इसके बाद शारीरिक विकास की चर्चा करते हुए यह स्पष्ट किया गया कि बच्चो में शरीर में शारीरिक आकार, अनुपात, हड्डियों, मांसपेशियों, दांत, श्रवण, दृष्टि, निःशक्ता और तंत्रिका तंत्र में होने वाले परिवर्तनों को शारीरिक विकास कहा जाता है | जिसमे उम्र सापेक्ष ऊंचाई, वजन, लम्बाई, दांत, हड्डियों की जानकारी एकत्रित करने को कहा गया |
इसके बाद सदन में सच्चिदानंद सर का आगमन होता है | और उनके द्वारा पिछली कक्षा के प्रशिक्षण को आगे बढ़ाते हुए सुबोपली के क्रियात्मक स्वरुप सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना के बारे में चर्चा की गयी | इसके बाद हमें यह बताया गया कि बच्चों को कविता, लोरी और चित्र के माध्यम से समझाने का प्रयास करना चाहिए | इसी बीच कुछ तुकबंदी कविताओं का पाठन भी किया गया | इसे साथ सभी प्रशिक्षुओं को दस-दस कविताओं को तैयार कर लाने का कार्य दिया गया | इसके साथ प्रथम सत्र का प्रशिक्षण समाप्त हो गया |
मध्याहन के बाद द्वितीय सत्र का प्रशिक्षण आरम्भ हुआ | सदन में महेश सर का आगमन हुआ और उनके द्वारा भाषा सीखना विषय पर परिचर्चा करते हुए नोम चौक्सकी के द्वारा भाषा सीखने को लेकर दिए गए विचार पर चर्चा की गयी | Eg.
मोहन सोहन को मुर्ख लगता है |
मोहन सोहन को मुर्ख समंझता है |
इसके साथ द्वितीय सत्र का प्रशिक्षण सत्र समाप्त हो गया |
दिन - मंगलवार
स्थान - डायट परिसर शेखपुरा
सप्ताह के दूसरे दिन अन्य दिनों की तरह चेतना सत्र का आयोजन किया गया | चेतना सत्र के बाद प्रशिक्षण का प्रथम सत्र की शुरुआत हुई | व्याख्याता के रूप में सुनील सर का सदन में आगमन होता है | उनके द्वारा SEP (SCHOOL EXPERIENCE PROGRAMME) की विस्तृत जानकारी दी जाती है | जिसमे हमें बताया जाता है कि यह कुल 20 दिनों (4 सप्ताह) का होगा और प्राथमिक विद्यालय में पांच और मध्य विद्यालय में आठ प्रशिक्षुओं को इसके लिए भेजा जायेगा | SEP में अंकों का विवरण इस प्रकार है -
1.विद्यार्थी प्रोफाइल बनाना - 20 अंक
2.बच्चों के सीखने का आकलन एवं मूल्यांकन - 20 अंक
3.शिक्षक की कक्षा का अवलोकन, समीक्षा, मूल्यांकन - 20 अंक
4.विद्यालय शिक्षा समिति से सम्बंधित रिपोर्ट - 20 अंक
5.डायरी लेखन - 20 अंक
6.क्रियात्मक शोध - 30 अंक
7.विद्यालय आधारित गतिविधि (खेल, प्राथना, सांस्कृतिक कार्यक्रम) -25 अंक
8.विद्यालय उन्नयन योजना - 25 अंक
9. सीखने की योजना बनाना - 20 अंक
बारी बारो से इन सभी पर विस्तार से चर्चा की गयी | इसी क्रम में 7 बच्चे की कहानी भी हमें बतायी गयी | जिसमे गलत तरीके से 13 के योग, गुना एवं भाग को 28 लाया जा रहा था | इसके बाद शब्दों के उच्चारण पर भी चर्चा की गयी | जैसे - आम, औरत इत्यादि |
इसके बाद शारीरिक विकास की चर्चा करते हुए यह स्पष्ट किया गया कि बच्चो में शरीर में शारीरिक आकार, अनुपात, हड्डियों, मांसपेशियों, दांत, श्रवण, दृष्टि, निःशक्ता और तंत्रिका तंत्र में होने वाले परिवर्तनों को शारीरिक विकास कहा जाता है | जिसमे उम्र सापेक्ष ऊंचाई, वजन, लम्बाई, दांत, हड्डियों की जानकारी एकत्रित करने को कहा गया |
इसके बाद सदन में सच्चिदानंद सर का आगमन होता है | और उनके द्वारा पिछली कक्षा के प्रशिक्षण को आगे बढ़ाते हुए सुबोपली के क्रियात्मक स्वरुप सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना के बारे में चर्चा की गयी | इसके बाद हमें यह बताया गया कि बच्चों को कविता, लोरी और चित्र के माध्यम से समझाने का प्रयास करना चाहिए | इसी बीच कुछ तुकबंदी कविताओं का पाठन भी किया गया | इसे साथ सभी प्रशिक्षुओं को दस-दस कविताओं को तैयार कर लाने का कार्य दिया गया | इसके साथ प्रथम सत्र का प्रशिक्षण समाप्त हो गया |
मध्याहन के बाद द्वितीय सत्र का प्रशिक्षण आरम्भ हुआ | सदन में महेश सर का आगमन हुआ और उनके द्वारा भाषा सीखना विषय पर परिचर्चा करते हुए नोम चौक्सकी के द्वारा भाषा सीखने को लेकर दिए गए विचार पर चर्चा की गयी | Eg.
मोहन सोहन को मुर्ख लगता है |
मोहन सोहन को मुर्ख समंझता है |
इसके साथ द्वितीय सत्र का प्रशिक्षण सत्र समाप्त हो गया |
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