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Training of the Day - 18.08.2017

दिनांक - 18.08.2017
दिन - शुक्रवार
स्थान - डायट परिसर शेखपुरा


अन्य दिनों की तरह आज भी चेतना सत्र के आयोजन के बाद प्रशिक्षण को आरम्भ किया गया | प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में व्याख्याता के रूप में सच्चिदानंद सर का सदन में आगमन होता है और उनके द्वारा व्याकरण की चर्चा की जाती है और हमारे सामने प्रश्न आता है 'समास' किसे कहते है ?
इस पर सदन के एक प्रशिक्षु द्वारा जबाब दिया जाता है कि 'जब दो या दो से अधिक पदों का मेल से सार्थक शब्द बने, समास कहा जाता है | समास की परिचर्चा के क्रम में ही व्याकरण की परिभाषा का प्रश्न हम सभी के पास आता है, जिसमे यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी भी भाषा को शुद्ध-शुद्ध पढ़ने, लिखने और बोलने की विधि/शास्त्र को व्याकरण कहा जाता है | इसी दौरान व्याकरण को समझाते एक बच्चे से पूछे गए प्रश्न का उदहारण दिया जाता है- प्रश्न था कि 'हवा बहता है' या 'हवा बहती है" ???
इस पर बच्चा अपने क्षेत्रीय भाषा में जबाब देता है कि सर 'हवा बहा हे'| इस उदहारण के माध्यम से हमें समझाया जाता है कि इस जबाब पर बच्चे को डाटने के बजाय उसे व्याकरण की गहराइयों से अवगत कराने का काम करें |
इसी तरह हिंदी से अंग्रेजी के एक अनुवाद का उदहारण दिया जाता है  |
राम जाता है | जो  s या es के प्रयोग के बारे में जुड़ा है |
इस वाक्य का बच्चा विभिन्न तरीके से अनुवाद करता है -
1. Ram go
2. Ram is go
3. Ram is going
शिक्षक के द्वारा इसे गलत बताये जाने पर बच्चा एक नया चौथा अनुवाद करता है जो काफी मजेदार था, जिसके बाद सदन में ठहाके लग जाते हैं | वो है -
4. Ram is goesing.

इसके बाद समास की चर्चा पर सदन वापस आता है और समास के भेदों के बारे में चर्चा की जाती है  और हमें बताया जाता है कि समास के कुल सात भेद होते हैं -
1. तत्पुरुस समास - जिस समासिक शब्द का विग्रह करने पर उत्तर पद प्रधान हो उसे तत्पुरुष समास कहते है | जैसे - राजकुमार, रसोईघर, राजपुत्र
तत्पुरुष समास की विस्तार से चर्चा करते हुए विभक्ति के आधार पर तत्पुरुष समास के भेदों के बारे में बताया गया |
2.कर्मधारय समास - जिस समासिक शब्द का विग्रह करने पर उपमा-उपेय/ विशेषण-विशेष्य का बोध हो, कर्मधारय समास कहलाता है | जैसे - चन्द्रमुख - चंद्र जैसा मुखु, नीलकमल- नीला कमल
3. दिव्गु समास - जिस समासिक शब्द का पहला पद से संख्यात्मक बोध हो, दिव्गु समास कहलाता है | जैसे - त्रिभुज, चत्रभुज
4. द्वन्द समास - जिस समासिक शब्द का विग्रह करने पर दोनों खंड प्रधान हो, द्वन्द समास कहलाता है | जैसे - सीता-राम, माता-पिता, चुडा-दही
5. बहुब्रीही समास - जिस समासिक शब्द को विग्रह करने पर सामान अर्थ छोड़कर दूसरे अर्थ का बोध हो, बहुब्रीही समास कहलाता है | जैसे - दशानन अर्थन रावण, लामोदर अर्थात गणेश
6. अवयवीभाव समास - जिस समासिक शब्द को विग्रह करने पर प्रथम पद प्रधान और अवयव हो, अवयवीभाव समास कहलाता है | जैसे - आजीवन, भरपेट, बेशक
7. नज् समास -  जिस समासिक शब्द को विग्रह करने पर पहला पद नकरात्मक बोध हो, नज् समास कहलाता है | जैसे - असभ्य, संभव, अनंत

इसके बाद प्रथम सत्र का प्रशिक्षण समाप्त हो जाता है |
मध्याह्न के बाद प्रशिक्षण का द्वितीय सत्र आरम्भ होता है | शुक्रवार होने के कारण आज सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ | जिसमे कई प्रशिक्षुओं ने भाग लेकर कार्यक्रम को रंगारंग कर दिया | कुछ प्रस्तुतियाँ वाकई मनमोहक थी | इसी के द्वितीय सत्र का प्रशिक्षण समाप्त हो गया |

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