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Training of the Day - 10.08.2017

दिनांक - 10.08.2017
दिन - गुरुवार
स्थान - डायट परिसर शेखपुरा


सप्ताह के चौथे दिन यानी गुरुवार को अन्य दिनों की भांति प्रथम सत्र का आरम्भ चेतना सत्र के साथ हुआ | चेतना सत्र की समाप्ति के बाद प्रशिक्षण को आरम्भ किया गया | व्याख्याता के रूप में विद्यानंद सर का आगमन होता है और उनके द्वारा विद्यालय का भवन विषय पर चर्चा की जाती है | जिसमे निम्न बातें सामने आयी -

* विभिन्न दस्तावेजों एवं शिक्षा नीतियों की विद्यालय भवन से सम्बंधित अनुशंसाओं व् प्रभावों की समीक्षा कर सकेंगे |
* विद्यालय के भवन द्वारा देश/राज में विद्यालय व्यवस्था के विकास के विभिन्न चरणों से परिचित हो पाएंगे |
* विद्यालय भवन के निर्माण सम्बन्धी समकालीन नियमों को समझ सकेंगे |

इस बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा के क्रम में स्वतन्त्रता दिवस समारोह की तैयारी का जायजा भी लिया गया |

इसके बाद सदन में व्याख्याता के रूप में महेश सर का आगमन होता है | और उनके द्वारा बच्चे और भाषा विषय पर चर्चा की जाती है | जिसमे यह स्पष्ट हुआ कि -
भाषा सीखने की क्षमता निम्नलिखित चार बातों पर निर्भर करती है |
1.आवश्यकता
2.तत्परता
3.परिस्थिति
4. अन्तः क्रिया

सीखने के तीन तत्व थे -
1.सीखना का आशय व्यवहार में परिवर्तन लाना |
2.सीखना व्यवहार का नियोजन रूप है |
3. सीखना परिवर्तित कार्य है |

ई०ए०पी० द साइकोलोजिकल बेसिस और एजुकेशन के द्वारा सीखने पर निम्न विचार प्रस्तुत किये गए -
1. सीखना एक सहज या परवर्ती क्रिया नहीं है
2.सीखने का उद्देश्य ज्ञान प्राप्ति, सामाजिक या जैविक अनुकूलन हो सकता है |
3.अनुकूल सीखने से व्यक्ति समाज स्वीकृत बन सकता है | जबकि प्रतिकूल सीखने से व्यक्ति असामाजिक भी बन सकता है |
4. सीखना उचित और अनुचित दोनों तरह का हो सकता है |
इसके साथ प्रथम सत्र का प्रशिक्षण समाप्त हो जाता है |
मध्याह्न के बाद द्वितीय सत्र का प्रशिक्षण आरम्भ होता है | इस सत्र में स्वतंत्रता दिवस की तैयारी को लेकर कार्य योजना का निर्माण किया गया और कार्यों का बंटवारा भी किया गया | इसके साथ आज का प्रशिक्षण समाप्त हो गया |

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