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सार - 25.07.2017

दिनांक - 25.07.2017
दिन - मंगलवार
स्थान - डायट परिसर शेखपुरा


प्रतिदिन की तरह चेतना सत्र के आयोजन के बाद प्रशिक्षण के प्रथम सत्र की शुरुआत की गयी | व्याख्याता के रूप में संजीव सर का सदन में आगमन होता है | उनके द्वारा प्रारंभिक विधालय शिक्षा प्रबंधन विषय पर चर्चा की जाती है और हमें बताया जाता है :-

वर्ष 2006 में प्रशासनिक सुधार आयोग था और वर्ष 2006 में ही अनुशंसा करके मानव संसाधन विकास विभाग बनाया गया
* मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा शिक्षा का छः चरणों में विभक्त किया गया है :-

i) प्राथमिक शिक्षा

ii)माध्यमिक शिक्षा

iii) उच्च शिक्षा

iv) जन शिक्षा

V)शोध एवम् प्रशिक्षण

Vi) प्रशासन


*राज्य स्तर पर शिक्षा*

मानव संसाधन विकास मंत्रालय(बिहार)

प्रधान सचिव

सचिव

विशेष सचिव


अतिरिक्त सचिव - संयुक्त सचिव - अतिरिक्त सचिव


प्राथमिक शिक्षा   माध्यमिक शिक्षा
   उच्च शिक्षा   जन शिक्षा शोध एवम् प्रशिक्षण प्रशासन    
               
इसके बाद क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक (R.D.D.E) एवं सामान्य स्कूल आयोग 2009 (मुचकुंद दुबे) के बारे में हमें बतया जाता है |

जिला स्तरीय प्रबंधन की रूप-रेखा बताते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी के STRUCTURE से अवगत कराया जाता है -
जिला शिक्षा पदाधिकारी
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी
सर्व शिक्षा अभियान
लेखा योजना
प्रशिक्षण माध्यमिक शिक्षा RMSA
मध्याहन भोजन योजना
कार्यक्रम पदाधिकारी (6 पद)        

इसके साथ प्रथम सत्र का प्रशिक्षण समाप्त हो जाता है | मध्याहन के बाद द्वितीय सत्र का आरम्भ होता है -
द्वितीय सत्र में व्याख्याता के रूप में महेश सर का आगमन होता है | और उनके द्वारा 'भाषा और शिक्षा' का प्रशिक्षण दिया जाता है |
संवाद संरचना - किन्ही दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच का वह वार्तालाप, जिसमे ध्वनि शब्द तथा वाक्य संरचना के नियमों का पालन किया गया हो, वे बातें संवाद स्तर पर अर्थहीन न हो संवाद कहा जाता है | संवाद निम्न तीन स्तर पर कारगर होगा -
1. बात करने वालों के बीच सन्दर्भ की साझेदारी
2. दूसरों द्वारा कही जा रही बात को सुनना- समझना
3. सुनी गई बात के क्रम को आगे बढ़ाते हुए अपनी बात कहना

इसके बाद उद्भव शब्द की अर्थ पर चर्चा की की गयी और उसका अर्थ - मिटटी को फोडकर निकलनेवाला बताया गया |
भाषा की विशेषताएं :-
*भाषा अर्जित संपत्ति है
* भाषा सामाजिक वस्तु है
* भाषा नियमबद्ध होती है
* भाषा सतत परिवर्तनशील होती है
* भाषा सामाजिक प्रक्रिया है
* भाषा निश्चित से अन्नत की रचना करता है
* भाषा परंपरागत और व्यति उसका अर्जन करता है
* प्रत्येक भाषा की संरचना, दूसरी भाषा से भिन्न होती है
* भाषा में अर्थ की बहुस्तरीयता होती है

इसके साथ द्वितीय सत्र का प्रशिक्षण समाप्त हो जाता है |

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